२२ मार्च को दुनियां भर में विश्व जल दिवस मनाया जा रहा है| देश-दुनियां को जल संकट से बचाने के लिए अनेक विशेषज्ञ जुट रहे हैं| कई राज्य अभी से जबरदस्त सूखे की कगार पर हैं| इसलिये एक-एक बूंद जल के महत्त्व को समझते हुये हमें प्रकृति प्रदत्त जल का संरक्षण करना ही होगा| जल संकट को समझते हुए फाउण्डेशन ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत आसपास के गॉंवों में विश्व जल दिवस के अवसर पर सामाजिक जागृति कार्यक्रम के माध्यम से पानी के महत्त्व एवं मितव्यता पूर्वक उपयोग का संदेश फैलाया|
जलगॉंव तालुका के दापोरा, धानोरा, खर्ची, एवं जलके में कलश पूजन कर, स्कूली छात्रों को जल के महत्त्व और उसके इस्तेमाल की जानकारी दी गई| इस विषय पर स्कूली छात्रों के लिए विविध स्पर्धा जैसे निबंध, वाग्मिता, चित्रकला आदि स्पर्धा का आयोजन रखा गया था| तीनों स्पर्धाओं में अनुक्रम से ६९, २४ एवं १२७ छात्रों ने हिस्सा लिया| रैली के माध्यम से पानी का महत्त्व दर्शाने वाले संदेश प्रस्थापित किए गये| २१ और २२ मार्च, दो दिन तक चले इस कार्यक्रम में गॉंव के सरपंच, उप-सरपंच, स्कूल व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष, ग्रामजन, शिक्षक वृंद, छात्र और फाउण्डेशन के कार्यकर्ताओं ने पानी का समझ पूर्वक उपयोग करने के संकल्प के साथ जल प्रतिज्ञा ली|
कार्यक्रम को सफल करने के लिए फाउण्डेशन के कार्यकर्ता विश्वजीत पाटील, सागर चौधरी, राजेंद्र जाधव, राहूल लांबोले के साथ पीजी डिप्लोमा के छात्र एवं जिला पंचायत प्राथमिक स्कूल के शिक्षक समूह ने उल्लेखनीय भूमिका अदा की|
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